BHU की रिसर्चर और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी Dr. नेहा सिंह ने 3,55,488 बार उंगली की छाप से उकेरी गोमाता की पेंटिंग - BHU Wale

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की शोध छात्रा ने 3 लाख 55 हजार 488 बार उंगली की छाप से विश्व की सबसे बड़ी गोमाता की पेंटिंग उकेरी है। BHU में वैदिक विज्ञान केंद्र की रिसर्चर डॉ. नेहा सिंह ने यह उपलब्धि अपने नाम की है। नेहा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी भी हैं। मंगलवार को पेंटिंग का अनवारण BHU के फाइनेंस ऑफिसर डॉ. अभय कुमार ठाकुर ने किया।
Dr. नेहा ने बताया कि उन्होंने अकेले इस पेंटिंग को 2 माह तैयार किया है। उन्होंने इस विशाल पेंटिंग को 4 रंगों की मदद से तैयार किया है। जिसमें लाल, पीला, नीला और जुगनू रंग का यूज किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पेंटिंग को बीएचयू में बनाया गया है। इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए पब्लिक डिस्प्ले लगाया गया है। इस पेंटिंग को बनाने का उद्देश्य है कि पहली बार गोमाता के ऊपर फिंगरप्रिंट पेंटिंग बनाई गई है। यह पहली बार पूरे दुनिया के लिए चैलेंज जैसा है। सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए गोमाता को इस विषय पर रखा है।

बीएचयू की रिसर्चर ने उंगली की छाप से बनाई गाय की पेंटिंग।

उन्होंने कहा कि इस पेंटिंग को बीएचयू में ही लगाया जाएगा। उन्होंने बताया पेंटिंग का साइज - लंबाई 12.8 मीटर (42 फ़ीट) है। चौड़ाई 4.88 मीटर (16 फ़ीट है)। साइज 62.464 वर्ग मीटर यानी (672 वर्ग फ़ीट है)। कुल करीब 3,55,488 उंगली का निशान है। मूल रूप से बलिया की निवासी नेहा ने 18 नवंबर 2020 को खनिज रंगों से भगवद्गीता पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नाम की पेंटिंग उकेरकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। इसका साइज 62.72 मीटर थी। पेंटिंग में भगवद्गीता के 18 अध्यायों को पेड़ की 18 शाखाओं में दिखाया गया था। एक-एक शाखाओं में 1 से 18 पत्तों का चित्रण, सबसे ऊपर कमल और ॐ से मोक्ष प्राप्ति को दिखाया गया था।