कूड़े के ढेर में मिली BHU छात्रसंघ की विरासत, 1960-70 दशक की तस्वीरें सड़ गईं - BHU Wale

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) छात्र संघ की विरासत कूड़े की तरह से बिखरी पड़ी हैं। तकरीबन 100 से ज्यादा तस्वीरें छात्र संघ भवन में सड़ रहीं हैं। यह देख छात्रों का हुजूम आगबबूला हो गया और डीन ऑफ स्टूडेंट के साथ काफी काफी बहस भी हो गई।

BHU के छात्रसंघ भवन में फेंकी हुई तस्वीरें देख छात्र आगबबूला हो उठे हैं।

छात्रों ने डीन से शिकायत कर कहा, क्या यह BHU के गौरवशाली इतिहास और पुराने छात्रों के विरासत को मिटाने की कोशिश की जा रही है। छात्रों ने चेतावनी दी कि इसे जल्द से जल्द मैनेज वे में सहेज कर रखा जाए, नहीं तो हम छात्र इसका विरोध करेंगे।

BHU के पूर्व कुलपति गोविंद मालवीय की तस्वीर भी फेंकी हुई मिली।

छात्र संघ की पुरानी तस्वीरें मांगी, तो कहा- नहीं है

रिसर्च छात्र अभिषेक सिंह 'काली' ने कहा, कूड़े की तरह फेंकी तस्वीरों को फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई है। छात्र काली ने कहा कि 5 अक्टूबर को हम लोग राजनीति के पितामह देवब्रत मजूमदार की जन्म जयंती मनाने वाले हैं। यह जयंती छात्र संघ भवन पर होना मंजूर हुआ। इसी कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर जब हम छात्र भवन में पहुंचे और पूर्व छात्र संघ के सदस्यों की तस्वीरें मांगी तो कहा गया कि यहां कोई ऐसी तस्वीर नहीं है। जब वहां मौजूद कर्मचारियों से तस्दीक की तो पता चला कि सारी पुरानी तस्वीरें कूड़े के ढेर में मिली हुई हैं।

छात्र संघ भवन में सड़ी ये तस्वीर 1964 स्टूडेंट पार्लियामेंट की है।

गोविंद मालवीय और नेहरू की फोटो भी मिली

छात्रों ने कहा, जब हम छात्रसंघ भवन में कूड़े के ढेर को पलटने लगे तो उसमें BHU के पूर्व कुलपति और पंडित मदन मोहन मालवीय के पुत्र गोविंद मालवीय, 1964 के BHU स्टूडेंट यूनियन, स्वामी अय्यर, जवाहर लाल नेहरू, BHU 1955 के इनॉगरल फंग्शन, छात्रसंघ कोषाध्यक्ष डॉ. महातिम गुप्त, 1970 में छात्रसंघ महामंत्री रमेश कुमार गुप्त और राजबलि पांडेय समेत कई नेताओं की तस्वीरें फेंकी हुई मिली।

कूड़े में पड़ी 1956-57 की ये तस्वीर, BHU के एक कार्यक्रम की है।

वहीं, कई तस्वीरों पर तो दीमक लग गए हैं। कई फोटो खराब होकर किसी काम के नहीं रह गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस छात्र संघ भवन के साथ इतनी अनदेखी क्यों हो रही है। हमें इसका जवाब और सारी तस्वीरें फिर से सजी हुईं चाहिए।

New Source - Dainik Bhashkar