काशी की सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति प्रेम का अद्भुत संगम एक बार फिर मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी 2025 में देखने को मिला। Banaras Hindu University के मालवीय भवन परिसर में आयोजित इस भव्य आयोजन को केवल छह घंटे में 18 हजार से अधिक लोगों ने देखा—जो इसकी लोकप्रियता और आकर्षण का प्रमाण है।
| Malviya smriti pushp pradarshani BHU |
फूलों से सजी कलात्मक दुनिया
प्रदर्शनी में फूलों से बने भव्य मंडप, आकर्षक सजावट और रचनात्मक कलाकृतियाँ दर्शकों के लिए मुख्य आकर्षण रहीं। गुलाब, गेंदा और मौसमी पुष्पों से तैयार संरचनाएँ न केवल सौंदर्य बिखेर रही थीं, बल्कि पारंपरिक और आधुनिक कला का सुंदर मेल भी प्रस्तुत कर रही थीं। रंग-बिरंगी लाइटिंग और सुसंगठित सजावट ने पूरे परिसर को उत्सव में बदल दिया।
जैविक खेती और पर्यावरण का संदेश
इस वर्ष प्रदर्शनी में जैविक खेती, पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों और नर्सरी संस्कृति पर विशेष जोर दिया गया। विभिन्न स्टॉल्स के माध्यम से प्राकृतिक खेती, पौध संरक्षण और हरित जीवनशैली के बारे में उपयोगी जानकारी साझा की गई—जिससे यह आयोजन केवल सौंदर्य तक सीमित न रहकर जागरूकता का मंच भी बना।
छात्रों से लेकर परिवारों तक—सबका उत्साह
विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शहर के परिवार, बच्चे और पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचे। कई दर्शकों ने फूलों से बनी कलाकृतियों के साथ फोटो खिंचवाए और आयोजन की सराहना की। पहली बार आए दर्शकों ने इसे यादगार अनुभव बताया, वहीं नियमित आगंतुकों ने हर साल बढ़ते स्तर और विविधता की प्रशंसा की।
| Malviya smriti pushp pradarshani BHU |
आयोजन की प्रमुख बातें
समय: दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक
स्थान: मालवीय भवन, Varanasi
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दर्शक संख्या: 18,000+ (पहले दिन, छह घंटे में)
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आकर्षण: फूलों के मंडप, जैविक खेती स्टॉल, कलात्मक इंस्टॉलेशन
निष्कर्ष
मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी 2025 ने यह सिद्ध कर दिया कि काशी में कला, प्रकृति और जनभागीदारी का उत्सव किस तरह जीवंत हो सकता है। यह आयोजन न केवल सौंदर्य का अनुभव कराता है, बल्कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और सामुदायिक सहभागिता का सशक्त संदेश भी देता है।
यदि आप काशी की सांस्कृतिक झलक और प्रकृति की रंगीन दुनिया को एक साथ देखना चाहते हैं, तो यह प्रदर्शनी आपके लिए अवश्य देखने योग्य है।
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