BHU में करीब 100 दृष्टिहीन छात्र-छात्राएं पिछले तीन दिनों से दिन-रात धरने पर हैं। छेड़खानी के आरोपी को जमानत मिलने और पीड़ित छात्रा को न्याय न मिलने से सभी में गुस्सा है। किसी भी तरह के आश्वासनों का उन पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उनकी मांग है कि आरोपी को फिर से जेल भेजा जाए। पीड़िता के बयान लिए बिना पुलिस ने आरोपी को कैसे छोड़ दिया?
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कैंपस में विरोध के दौरान दृष्टिहीन छात्र पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। |
दृष्टिहीन छात्रा का आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने सेक्सुअल हैरेसमेंट की कड़ी धाराएं नहीं लगाईं। इससे आरोपी जमानत पर छूट गया। उसका यह भी आरोप है कि आरोपी BHU के पूर्व डीन का बेटा है। इसलिए लोग उसे बचा रहे हैं। उधर, पुलिस का कहना है कि आरोपी को आज यानी सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। लेकिन, छात्र गिरफ्तारी से कम कुछ भी नहीं चाहते।
अब पढ़िए इस मामले में पीड़ित दृष्टिहीन छात्रा की जुबानी
मैं BA फर्स्ट ईयर की छात्रा हूं। 25 जनवरी को दोपहर साढ़े 3 बजे के बाद मैं अपने हॉस्टल (ओल्ड B1) से आर्ट फैकल्टी जा रही थी। रानी लक्ष्मीबाई हॉस्टल चौराहे से आगे बढ़ने के दौरान असीम कुमार राय (48) ने मुझे लिफ्ट देने की बात कही। मैंने 3 बार मना किया, लेकिन मदद करने का झांसा देकर उसने मुझे बाइक पर बैठा लिया।
मैंने मैत्री चौराहे पर ड्रॉप करने को कहा। लेकिन, वह मुझे वहां से काफी दूर एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट की ओर लेकर आ गया। चूंकि, जहां से उसने लिफ्ट दी थी, वहां से मैत्री चौराहा महज 500 मीटर की दूरी पर था। जबकि, गाड़ी 10 मिनट से लगातार चलती ही जा रही थी। मुझे शक हुआ, तो मैंने उसे टोका। लेकिन, इसी बीच उसने मुझे किस कर लिया। फिर, मुझे मेरे शरीर पर उसने गलत जगह छुआ। मुझे अपना गलत परिचय देकर बहलाने-फुसलाने की कोशिश की। जब मैं उससे पीछा छुड़ा कर गाड़ी से कूदकर भागने लगी, तो वह मेरा पीछा करने लगा। दृष्टिहीन होने के नाते मैंने तेज नहीं भाग सकती थी। मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया। मेरी चीख सुनकर वहां खड़े कुछ अंकल लोग पहुंचे। असीम ने उन लोगों से मारपीट की। इसी बीच उन लोगों ने प्रॉक्टर ऑफिस में फोन किया। प्रॉक्टर ऑफिस के सुरक्षाकर्मियों ने असीम को पकड़कर ऑफिस में बैठाया। इसके बाद लंका थाने में FIR दर्ज कराई गई।
झाल-मजीरों के साथ भी विरोध में लग रहे नारे
सभी छात्र कुलपति आवास के सामने सड़क पर झाल-मजीरों के साथ BHU चौकी इंचार्ज मुर्दाबाद, लंका थाना मुर्दाबाद, मुर्दाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। छात्र कह रहे हैं- वीसी साहब बाहर आओ...वीसी सर को आना होगा, नहीं तो वापस जाना होगा। हम बच्चों से बात करो, वीसी अब तो कुर्सी छोड़ो...।
BHU परिसर में बढ़ रहे छेड़खानी के मामले के विरोध में आज VT से लंका तक रैली निकाली गई #bhu #bhuwle pic.twitter.com/znYgzbwTxf
— BHU Wale 🇮🇳 (@bhu_wale) January 30, 2023
न्यायिक प्रक्रिया में दखलंदाजी नहीं कर सकता BHU
चीफ प्रॉक्टर प्रो. अभिमन्यु सिंह ने कहा कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी को ऑन स्पॉट हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप दिया था। अब यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में चला गया है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि अगर आपके मुताबिक कुछ धाराएं नहीं लगाई गई हैं, तो IOA बनाया गया है। वह इन्वेस्टिगेशन करके धाराओं पर विचार करेगा। जो चूक हो गई वो आप जोड़ें, यह आपका अधिकार है। BHU प्रशासन न्यायिक प्रक्रिया में दखलंदाजी नहीं कर सकता। छात्राओं को त्रिवेणी हॉस्टल में शिफ्ट किया जा रहा है।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर बोले- 7 साल से कम की सजा पर नहीं भेजते हैं जेल
एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने कहा कि हमारे द्वारा कार्रवाई करके कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था। पीड़िता ने जो भी बयान दिया था, उसी आधार पर FIR दर्ज हुई थी। इसमें 7 साल से कम की सजा है। इसलिए मजिस्ट्रेट ने आरोपी को जेल नहीं भेजा। सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि जिन अपराधों में 7 साल से कम की सजा है, उसमें अभियुक्त को जेल नहीं भेजा जाएगा। कानून सबके लिए बराबर है। उन्होंने कहा कि पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के सामने कराया जाएगा।
ये हैं छात्रों की मांगें
- आरोपी के ऊपर धारा 376 लगाकर उसे तत्काल जेल में डाला जाए।
- सभी दृष्टिहीन छात्राओं को त्रिवेणी हॉस्टल में शिफ्ट किया जाए। यह मांग विश्वविद्यालय प्रशासन ने मान ली है।
- आउटर पर जो हॉस्टल हैं, वहां पर न तो गार्ड रहते हैं और न ही लाइटिंग। उसे दुरुस्त किया जाए।
- कैंपस में हर जगह पर CCTV कैमरे लगाए जाएं। क्योंकि इस साल 30 दिन में छेड़खानी के 4 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, कई बार तो मुकदमा ही नहीं लिखे जाते।
- हमारे आवेदनों को ठंडे बस्ते में न डाला जाए।
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