बीएचयू में छात्रों और प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम में नोकझोंक, छात्रों ने विभागाध्यक्ष को हटाने की रखी मांग, कहा- मनमाने तरीके से दे रहीं नंबर - BHU Wale

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के बाहर छात्रों और प्रोक्टोरियल बोर्ड के बीच जमकर नोकझोंक हुई। बताया जा रहा है कि पत्रकारिता विभाग के छात्र विभागाध्यक्ष डॉ. शोभना नार्लीकर के व्यवहार से नाराज होकर विभाग के मुख्य द्वार पर विरोध कर रहे थे। तभी प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम छात्रों को हाटने पहुंची। छात्रों का आरोप है विभागाध्यक्ष विभाग में मनमाने तरीके से काम कर रही हैं। विभाग के छात्रों को मनमाने तरीके से नम्बर दिया गया है, जिससे बहुत से छात्र छात्राएं फेल हो गए हैं।

बीएचयू में पत्रकारिता विभाग के गेट पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को गार्ड व पुलिस ने हटा दिया।

छात्र प्रिंस पाण्डेय ने बताया कि पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शोभना नार्लीकर पूरे तरीके से विभाग में मनमानी कर रही हैं। विभाग में जितने भी अध्यापक हैं उनके विषय का नंबर वह खुद अपने मनमाने ढंग से दे रहीं। छात्र ने कहा कि विभाग के आधे से अधिक छात्रों को फेल कर दिया गया है। यह बड़ी बात यह है कि प्रेटिकल में भी उन्हें फेल कर दिया गया। प्रिंस ने कहा कि उन फेल छात्रों के लिस्ट में मैं भी हूं। विरोध कर रहे छात्रों ने कहा हम चाहते हैं कि इन्हें विभाग के विभागाध्यक्ष पद से हटाया जाए और प्रशासन इनके ऊपर सख्त से सख्त निर्णय ले।

छात्रा मोनिका कुमारी ने कहा कि हम लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे थे, जब महिला सुरक्षाकर्मी हमें नहीं हटा पाई, तो पुलिस सुरक्षाकर्मी ने हमें धक्के देकर हटाया। छात्रा ने बताया कि हमारे विभाग का रिजल्ट घोषित हुआ, जिसमें आधे से अधिक बच्चे फेल हो गए हैं। उसी को लेकर हम विभागाध्यक्ष से वार्तालाप कर रहे थे। तभी हमें धक्के देकर बाहर निकाल दिया गया।

छात्रा ने कहा कि हम चाहते हैं कि विभागाध्यक्ष डॉ. शोभना नार्लीकर पद से हटा दी जाएं, क्योंकि उनकी वजह से विभाग में कई दिनों से इस तरह की चीजें हो रही हैं। मोनिका ने कहा कि वह छात्रों से अभद्रता से व्यवहार करती हैं और जब हम किसी जरूरी कागज पर हस्ताक्षर लेने जाते हैं तो हस्ताक्षर भी नहीं करती हैं।

छात्रों के विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन मौजूद है। पत्रकारिता के विभाग के छात्र अपने विभाग के बाहर विभाग का गेट बंद कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी बोलने से बच रहा है।