धरनास्थल पर बेसुध हुई B.Voc की छात्रा, BHU में छात्रा को दोस्तों ने कराया इमरजेंसी में भर्ती; 6 दिन से चल रहा है प्रोटेस्ट - BHU Wale

BHU में भर्ती B.Voc की छात्रा, जहां पर उसका इलाज चल रहा है।

6 दिनों से चल रहे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स के छात्रों के धरने में आज एक छात्रा की तबियत बिगड़ गई। वह धरना स्थली पर ही बेसुध हो गई। उसे छात्रों ने उठाकर गाड़ी पर बिठाया और BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। प्रोटेस्ट कर रहे छात्र-छात्राओं ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। छात्रों ने कहा कि बेसुध हुई छात्रा के साथ एक लड़के ने बद्तमीजी की थी। छात्रों ने आरोप लगाया कि उस लड़के को प्रॉक्टोरियल बोर्ड द्वारा बचाया जा रहा है।

धूप-बरसात के बीच अपनी मांगाें को लेकर अड़े हैं हम

धरनारत छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर के सेंट्रल ऑफिस में वे लोग पिछले 6 दिनों धूप-बरसात के बीच अपनी मांग उठा रहे हैं। उनका कहना है कि वोकेशनल कोर्स के विद्यार्थियों के लिए कोई प्लेसमेंट सेल नहीं है। अभी तक पहले सेमेस्टर के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल की शिक्षा तक नहीं मिल सकी है। न तो कार्यशाला होती है। नियमित कक्षाओं के संचालन में भी दिक्कत होती है। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से हमें सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। हमने विद्यालय प्रशासन से लिखित आश्वासन पत्र की मांग की है लेकिन अभी तक हमें पत्र नहीं दिया गया है। विभाग द्वारा धमकियां दी जा रहीं हैं और कहा जा रहा है कि आपके नंबर कम कर दिए जाएंगे। लेकिन हम मन बना चुके हैं कि जब तक हमारी बातों को नहीं सुना जाएगा, हमारी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक धरना जारी रहेगा।

धरनास्थल पर बेसुध हुई छात्रा को होश में लाने की कोशिश करते दोस्त।

इन मुद्दों को लेकर छात्र कर रहे विरोध-प्रदर्शन

• छात्रों की मांग है कि कोर्स कन्वेनर को हटाया जाए।

• उनके कोर्स में कोई प्लेसमेंट सेल नहीं बनाया गया है।

• हॉस्टल नहीं एलॉट किया जा रहा है।

• सेमेस्टर की परीक्षा बिना कोर्स को पूरा किए खत्म कर दिया गया।

• वोकेशनल कोर्स के लिए कोई प्लेसमेंट सेल नहीं।

• अभी तक कोई व्यावहारिक शिक्षा प्रदान नहीं की गई है।

• SIT प्रदान की गईं, लेकिन सिर्फ विषय सौंपे गए।

• SEC और VAC की जरूरत है। कोई वर्कशॉप नहीं होता।

• फैकल्टी मेंबर्स और उचित कक्षा का मुद्दा।

• लड़कियों को कोई छात्रावास आवंटित नहीं किया गया है। सिर्फ 8 लड़कों को हॉस्टल की सुविधा मिली।

• छात्रों से विशेष शुल्क लिया जा रहा है।

• सेमेस्टर सिमट गए हैं और कोर्स जल्दी-जल्दी खत्म किया जा रहा है।

• सांस्कृतिक समितियों और आयोजनों का अभाव है।