नई शिक्षा नीति : BHU में अगले साल से 4 साल की होगी ग्रेजुएशन, PhD प्रवेश के लिए भी अब हो सकता CUET - BHU Wale

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अगले सत्र से स्नातक में चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू होंगे। वहीं, पीएचडी में भी प्रवेश के लिए सीयूईटी को लागू किया जाएगा। आईआईटी में छात्र एक साथ दूसरी डिग्रियां भी ले सकें, इस पर भी काम किया जा रहा है। यह जानकारी बुधवार को आईआईटी निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन, बीएचयू के रेक्टर प्रो. वीके शुक्ल, प्रो. मुकुल राज मेहता और प्रो. विकास दुबे ने केंद्रीय कार्यालय में दी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने पर बीएचयू की उपलब्धियां गिनवाईं गईं।


रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य भारत के शिक्षा क्षेत्र में क्रांति और परिवर्तन लाना है। कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सत्र 2021-22 के दौरान एबीसी पोर्टल पर कुल 14,900 पंजीकरण और सत्र 2022-23 में 15,722 पंजीकरण हुए।



नए प्रवेशार्थियों को अनिवार्य रूप से विश्वविद्यालय के पोर्टल पर ऑनलाइन नामांकन व परीक्षा फॉर्म भरते समय एबीसी का उल्लेख करने की सलाह दी जाती है। एनईपी कार्यान्वयन समिति के सदस्य प्रो. मुकुल राज मेहता ने बताया कि विश्वविद्यालय चार वर्षीय स्नातक या एकीकृत डिग्री कार्यक्रमों को लागू करने के लिए आवश्यक समस्त संरचनात्मक तौर-तरीकों को पूरा करने के करीब है। 

बीएचयू में 457 कोर्सेज

उम्मीद है कि 2024-25 से चार साल के कार्यक्रम को लागू करने के लिए हम तैयार होंगे। वोकेशनल कोर्सेज में मल्टीलेवल एंट्री व एक्जिट लागू हो चुका है। ट्रांस-डिसिप्लिनरी रिसर्च प्रमोशन स्कीम नाम से एक नई पहल शुरू की है जो उत्साहवर्धक फंडिंग के अवसर प्रदान करती है। विश्वविद्यालय ने बहु-विषयक विषयों में नौ स्नातकोत्तर और दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अतिरिक्त विवि खुद और एनपीटीईएल पर 457 कोर्सेज चला रहा है। वर्तमान में 15 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ करार है। प्रो. सिंह ने बताया कि जल्द ही बीएचयू में एक अत्याधुनिक रत्न परीक्षण सुविधा शुरू कर रहे हैं, जो उद्योग-संस्थान सहयोग का एक शानदार उदाहरण होगा।

एक दूसरे डिग्री भी ले सकेंगे छात्र, चल रहा विचार

आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन बताया कि एनईपी-2020 के कार्यान्वयन का उद्देश्य छात्रों को नौकरी करने वालों की बजाय समग्र शिक्षा के माध्यम से नौकरी निर्माता बनाने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के साथ जुड़ा हुआ है। छात्र सेमेस्टर ड्रॉप के दौरान भी क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं। इंटीग्रेटेड डुअल डिग्री छात्रों को मूल विषय में बीटेक और नए विषय में एमटेक के लिए चार साल के बाद विषय बदलने की अनुमति देगा। प्रो. जैन ने कहा कि छात्र एक साथ दूसरी डिग्रियां भी ले सकें, इस पर काम किया जा रहा है।

छात्र किसी कंपनी से जुड़ने के लिए किसी कोर्स प्रोग्राम को छोड़ते हैं तो उन्हें उसी शहर के संस्थान के किसी कोर्स में एडमिशन दिलवा दिया जाएगा। ऑनलाइन मोड में भी कोर्सेज को पूरा कर सकते हैं। आईआईटी गुवाहाटी के साथ कुछ नए डुअल डिग्री का ज्वाइंट प्रोग्राम लागू करने जा रहे हैं। एक छात्र को एक साथ दो डिग्री करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। इंडस्ट्री में काम कर रहे लोगों को संस्थान में लेकर आ रहे हैं। एल्यूमनाई फैकल्टी प्रोग्राम लागू किया है। स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर को एल्यूमनाई ने स्पॉन्सर किया है।