बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) अब मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है। बढ़ती मानसिक समस्याओं और उनके समाधान की जरूरत को देखते हुए बीएचयू के मनोचिकित्सा विभाग ने तीन नए मास्टर कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है। ये कोर्स आने वाले शैक्षणिक सत्र से शुरू होंगे।
| New Mental Health Courses in BHU |
नए कोर्सों की जानकारी
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एम.ए. (मास्टर ऑफ आर्ट्स इन क्लीनिकल साइकोलॉजी)
यह कोर्स छात्रों को मानसिक, भावनात्मक और व्यवहारिक विकारों के अध्ययन और उपचार में विशेषज्ञता प्रदान करेगा।
करियर विकल्प: अस्पताल, क्लीनिक, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, रिसर्च सेंटर और काउंसलिंग सेक्टर में रोजगार के अवसर।
मुख्य फोकस: मानसिक विकारों की पहचान, काउंसलिंग तकनीक और थेरेपी।
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एम.ए. (मास्टर ऑफ आर्ट इन साइकेट्रिक सोशल वर्क — मेंटल हेल्थ)
इस कोर्स का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों को सामाजिक समर्थन प्रदान करना है।
करियर विकल्प: अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य केंद्र, एनजीओ और पुनर्वास केंद्रों में कार्य के अवसर।
मुख्य फोकस: सामाजिक पुनर्वास, परिवार काउंसलिंग और सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ।
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एम.एससी. इन साइकेट्रिक नर्सिंग
यह कोर्स नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है ताकि वे मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकें।
करियर विकल्प: अस्पतालों, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों, शिक्षण संस्थाओं और रिसर्च केंद्रों में नौकरी के अवसर।
मुख्य फोकस: मानसिक स्वास्थ्य देखभाल, पुनर्वास और चिकित्सीय सेवाएँ।
बढ़ती मांग और अवसर
आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। तनाव, अवसाद, और सामाजिक चुनौतियों के बीच मानसिक विशेषज्ञों की मांग पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। बीएचयू के ये नए कोर्स युवाओं को इस क्षेत्र में मजबूत करियर बनाने का मौका देंगे।
विशेषज्ञों की राय
“ये नए मास्टर प्रोग्राम मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाएंगे और युवाओं को रोजगारोन्मुख शिक्षा प्रदान करेंगे। देश में प्रशिक्षित मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भारी कमी है, जिसे पूरा करने में ये कोर्स अहम भूमिका निभाएंगे।” — प्रो. (विभागीय वक्ता)
निष्कर्ष
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का यह कदम मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में शिक्षा और करियर दोनों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगा। इन कोर्सों से न केवल मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए पेशेवर तैयार होंगे, बल्कि समाज को भी मानसिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में नई ऊर्जा मिलेगी।
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