 |
| BHU Faculty of Ayurveda |
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की आयुर्वेद फैकल्टी ने एक बार फिर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन का परचम लहराया है। राष्ट्रीय चिकित्सा शिक्षा परिषद (NCISM) ने सत्र 2025-26 के लिए देशभर के 188 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों की रेटिंग जारी की, जिसमें बीएचयू की आयुर्वेद फैकल्टी को ‘ए’ ग्रेड प्राप्त हुआ है।
यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि बीएचयू लगातार शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में मानक स्थापित कर रहा है। पिछले वर्ष जहां बीएचयू की रैंकिंग 14वीं थी, वहीं इस बार यह 15वें स्थान पर पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश के अन्य आयुर्वेद कॉलेजों में यह एकमात्र संस्थान है जिसे ‘ए’ ग्रेड मिला है।
देशभर में कुल 188 कॉलेजों को मिली रेटिंग:
आयुष मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 600 से अधिक निजी और सरकारी आयुर्वेद कॉलेजों में से 188 को रेटिंग दी गई है। इनमें 36 कॉलेजों को ‘ए’ ग्रेड, 58 को ‘बी’ ग्रेड और 94 को ‘सी’ ग्रेड प्राप्त हुआ है। बीएचयू की रैंकिंग 189 से बढ़कर इस बार 158 तक पहुंच गई, जो सुधार का संकेत है।
बीएचयू की प्रगति का कारण:
बीएचयू की आयुर्वेद फैकल्टी ने शिक्षण गुणवत्ता, अनुसंधान कार्यों और चिकित्सा सेवाओं में निरंतर सुधार किया है। फैकल्टी के अधिष्ठाता प्रो. नीलम सिंह ने बताया कि संस्थान भविष्य में सीट वृद्धि, पीजी प्रोग्राम विस्तार और रिसर्च के क्षेत्र में और मजबूती से काम करेगा।
राज्य स्तर पर गौरव की बात:
उत्तर प्रदेश के 27 आयुर्वेद कॉलेजों में से बीएचयू को सर्वोच्च ग्रेड प्राप्त हुआ है। यह केवल संस्थान की गुणवत्ता को नहीं, बल्कि विद्यार्थियों, शिक्षकों और चिकित्सकों के सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
बीएचयू की यह उपलब्धि न सिर्फ विश्वविद्यालय के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में यह सफलता आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी।
Social Media