BHU के एक छात्र ने हॉस्टल में पेस्टिसाइड पीकर सुसाइड कर लिया। छात्र का नाम आशीष कुमार नामदेव था। वह केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में MSc फाइनल ईयर का छात्र था। वह डालमिया हॉस्टल के रुम नंबर-91 में रहता था। लगभग 6 साल पहले कोटा में तैयारी के दौरान भी उसने जान देने की कोशिश की थी।
ऑनलाइन ऑर्डर किया था पेस्टिसाइड
आशीष के दोस्तों ने बताया, "उसने ऑनलाइन पेस्टिसाइड ऑर्डर किया और बुधवार को दोपहर 2 बजे के आसपास आशीष ने पेस्टिसाइड पी लिया।
बगल के कमरे के छात्र जब आशीष के रूम में पहुंचे, तो वह बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। उसका शरीर हरा पड़ता जा रहा था। आनन-फानन में उसे सर सुंदरलाल अस्पताल में गए। जहां आज करीब 11 बजे ICU यूनिट में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।''
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सुसाइड करने वाला छात्र आशीष कुमार नामदेव |
डिप्रेशन का मरीज था आशीष
आशीष को डिप्रेशन की बीमारी थी। उसका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था। 6 साल पहले जब वह कोटा में डॉक्टरी की तैयारी कर रहा था, तो उस दौरान भी उसने एक बार सुसाइड अटेंप्ट किया था।
BHU के चीफ प्रॉक्टर प्रो. अभिमन्यु सिंह ने कहा कि परिजनों से बात करके और हिस्टोरिकल बैकग्राउंड चेक किया गया तो पता चला कि उसका डिप्रेशन का इलाज चल रहा था। आशीष के पिताजी को कल सूचित किया गया था। पिता जी ने बताया की आशीष कई साल से डिप्रेशन का इलाज करा रहा था।
बीमारी की वजह से अटेंडेंस काम हुई और सेमेस्टर बैक लग गया था
आशीष पढ़ाई में काफी अच्छा था। वह क्रिकेट भी खूब खेलता था और काफी मिलनसार था। करियर को लेकर डिप्रेशन में था। कुछ ही दिन पहले एक प्लेसमेंट में उसका सेलेक्शन नहीं हो पाया था। वहीं, बीमारी की वजह से क्लास छूट जाती थी। उसका अटेंडेंस शॉर्ट कर दिया गया।
उसने कई बार विभागाध्यक्ष को अपनी बीमारियों और समस्याओं के बारे में बताया। इसके बावजूद उसका अटेंडेंस पूरा नहीं किया गया। इसके चलते उसका सेमेस्टर बैक लग गया था। कुछ पुरानी बातों को लेकर वह पहले से ही काफी डिप्रेशन में था। वहीं, करियर खराब होता देख वह अपने आपको संभाल नहीं सका।
News Source - दैनिक भाष्कर
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